सर्वप्रथम बल्ब का आविष्कार किसने किया | Bulb ka Avishkar kisne kiya

पहले के समय में जब तक बल्ब का आविष्कार नहीं हुआ था तब तक लोगों को अपने घर में रोशनी करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने पड़ते थे। जैसे दीया, मशाल, लालटेन और मोमबत्ती का इस्तमाल किया जाता था। लेकिन इन सब चीजों को संभाल कर रखना बड़ा मुश्किल होता था और कभी-कभी तो इन सब चीजों की वजह से घर में आग लग जाने जैसी दुर्घटनाएँ भी हो जाती थीं। 

बल्ब का आविष्कार किसने किया

लेकिन बल्ब के आविष्कार होने से लोगों की जिंदगी बदल गई है। पहले रात के समय कई काम करना कठिन था पर बल्ब के आविष्कार के बाद आज किसी भी तरह का काम आसानी से हम रौशनी में रात में कर सकते हैं। आज हम रात में कोई भी खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी खेल सकते हैं, रात में ट्रेवल कर पाते हैं। 

बल्ब क्या है?

बल्ब जिससे हमें प्रकाश मिलता है. यह एक विद्युत से चलने वाला उपकरण है। इसका इस्तेमाल हम अपने घरों तथा बाहर भी कर सकते हैं। बल्ब के अंदर एक बहुत पतला तार यूज़ किया जाता है, जब इसमें विद्युत प्रवाह किया जाता हैं, तब यह तार विद्युत से ही गर्मी उत्पन्न करता है और यह गर्मी इतनी ज्यादा उत्पन्न हो जाती है कि प्रकाश में बदल जाती है। बल्ब का यह तार टंगस्टन और नाइक्रोम नामक धातु से बनाया जाता है जो बहुत ही ज्यादा गर्मी सहन कर सकता है। 

यदि फिलामेंट को खुले एरिया में रख कर विद्युत प्रवाह करते हैं, तो वह वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया कर लेता है और वह टूट जाता है इसलिए फिलामेंट को एक कांच से बने ढांचे से ढकना पड़ता है और बल्ब को अच्छी तरीके से सील कर दिया जाता है जिससे कि उसके अंदर ऑक्सीजन प्रवेश ना कर सके।

इसके अलावा बल्ब बनाने में गैस भी भरी जाती है। छोटे बल्ब बनाने में आर्गन गैस उपयोग किया जाता है। बड़े बल्ब बनाने में कम दाब पर आर्गन, क्रिपटोन, नाइट्रोजन, जीनोन और हाइड्रोजन में से कोई एक गैस भरी जाती है। 

यह बल्ब 1.5 वोल्ट से लेकर 300 वोल्ट तक की बिजली पर प्रकाश उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा बाजार में 1 वाट से लेकर हजारों वाट तक के बल्ब आसानी से मिल जाते हैं। 

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बल्ब का आविष्कार कब हुआ

बल्ब का आविष्कार किसने किया

बल्ब का आविष्कार महान वैज्ञानिक थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने 14 अक्टूबर 1879 में किया था। एडीसन उस समय के एक जाने माने वैज्ञानिक थे। इस आविष्कार पर उन्होंने 1878 में काम शुरू किया था। थॉमस अल्वा एडिसन ने 14 अक्टूबर 1879 में Improvement In Electric Lights नाम से पेटेंट करवाया।

उन्होंने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था। इस अविष्कार को करने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब यह बल्ब अविष्कार होने के बाद जलाया गया तो 13 घंटे से भी ज्यादा समय तक बल्ब जला था। उन्होंने काफी प्रयोग किये। इस प्रकार दुनिया का पहला बल्ब तैयार हुआ जो मार्किट में बेचा जा सकता था।

थॉमस ऐल्वा एडीसन ने बल्ब का तो अविष्कार किया ही था लेकिन इसके आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े विभिन्न उपयोगी उपकरणों का अविष्कार भी किया जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी आदि और भी अनेक शामिल हैं। इन सारे यंत्रों का एडिसन जी के नाम पर पेटेंट बुक है।

बल्ब के कितने प्रकार होते हैं  ?

वैसे तो बाज़ार में बहुत से प्रकार के बल्ब मौजूद हैं, परन्तु उनमें से सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ब हैं :-

  • Incandescent bulbs
  • Fluorescent lamps
  • Compact fluorescent lamps (CFL)
  • Light emitting diode (LED)
  • Halogen bulbs

बल्ब के अविष्कार का इतिहास क्या है?

एडिसन ने विश्व का पहला लाइट बल्ब का पेटेंट अपने नाम कराया। काफी वैज्ञानिको ने एडिसन से पहले ही इस विषय पर काफी रिसर्च और प्रयोग किया था। इस कारण से एडिसन को काफी मदद मिली। पेटेंट अपने नाम करते वक़्त उन्होंने उस पेटेंट का नाम इम्प्रूवमेंट इन इलेक्ट्रिक लाइट्स के नाम से 14 अक्टूबर 1879 में करवाया। डेढ़ साल के इस रिसर्च पर कई धातुओं का उपयोग किया जैसे कार्बन, प्लैटिनम का इस्तेमाल किया। लेकिन प्लैटिनम धातु के उपयोग से बल्ब की रौशनी 12 घंटे तक तो सिमित थी। लेकिन प्लैटिनम बल्ब का प्रयोग काफी महँगी पड़ी। फिर उनके कई प्रयोग से उन्हें कार्बन फिलामेंट के धातु के इस्तेमाल से उनका प्रयोग सफल रहा।  

थॉमस एडिसन से पहले भी कई वैज्ञानिक लाइट बल्ब की खोज में लगे हुए थे। इनमें से एक वैज्ञानिक का नाम हंफ्री डेवी था जिन्होंने 1802 में सबसे पहले इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार किया। हंफ्री डेवी ने बिजली के साथ प्रयोग करके एक बैटरी तैयार किया। जब उन्होंने तार को बैटरी से जोड़ा साथ में कार्बन लगाया तो कार्बन रोशनी देने लगा इस तरह सबसे पहले इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज हुई। उनके इस आविष्कार को Electric Arc Lamp का नाम दिया गया। लेकिन इस प्रयोग में दिक्कत यह थी कि रोशनी ज्यादा देर नहीं होती थी। 

इसके बाद 1840 में ब्रिटिश वैज्ञानिक वार्रन द ला रियू ने Coiled Platinum Filament को वैक्यूम ट्यूब में रखा और इसके माध्यम से बिजली प्रवाहित किया। लेकिन इस प्रयोग की सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि प्लैटिनम काफी महंगा होता है।

इसके बाद 1850 में जोसफ स्वान नाम के वैज्ञानिक ने Carbonized Paper Filaments का गिलास बल्ब में इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक बल्ब तैयार किया लेकिन बेहतर वैक्यूम और इलेक्ट्रिसिटी कमी के कारण यह ज्यादा देर टिक नहीं पाता था। 

1870 तक मार्किट में अच्छे वैक्यूम पंप आ चुके थे। जोसफ स्वान ने फिर से अपना प्रयोग शुरू किया। 

इसके बाद 17 जनवरी 1879 को उन्होंने इसमें कुछ बदलाव करके लैंप फिर से मीटिंग में प्रदर्शित किया।

3 फरवरी 1879 के दिन उन्होंने फिर से यह प्रयोग किया इस लैंप में इस्तेमाल हुए कार्बन रॉड का प्रतिरोध काफी कम था। लैंप तक बिजली पहुँचाने के लिए बड़े कंडक्टर की जरुरत पड़ती थी इसलिए यह सामान्य इस्तेमाल या फिर मार्किट में बेचने लायक नहीं था। इसके बाद  Carbon Filament में सुधार कर  उन्होंने Cotton की मदद से तैयार किया जिसका नाम Parchmentised Thread था। इस फिलामेंट का पेटेंट उन्होंने 27 नवंबर 1880 को हासिल किया। 

निष्कर्ष

कुछ इतिहासकारों का मानना है की लगभग 20 से भी ज्यादा inventors ने Light Bulb का design Edison जी से पहले तैयार किया हुआ था। 

लेकिन Thomas Edison जी का योगदान सबसे ज्यादा है। light bulb के evolution से लेकर commercial production तक Edison एकमात्र वैज्ञानिक थे जिन्होंने पहला commercially practical बल्ब तैयार किया था। पहले लोगों के design में काफ़ी गलतियाँ थी जिस कारण वो सफल नहीं हो सके थें। 

FAQ

बल्ब का आविष्कार किसने किया?

बल्ब का आविष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन ने किया था। 

बल्ब का आविष्कार कब हुआ?

सन 1879 में बल्ब का आविष्कार हुआ था। 

बल्ब के अंदर कौन सी गैस भरी जाती है?

बल्ब के अंदर आर्गन गैस भरी जाती है। 

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