उत्तराखंड की राजधानी कहां है | Uttarakhand Ki Rajdhani Kaha Hai

दोस्तों, आप सबको ये पता ही होगा कि वर्तमान समय में हमारे देश में कुल 28 राज्य और 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं। इन 28 राज्यों में उत्तर भारत का एक राज्य उत्तराखंड है, जो कि भारत वर्ष के प्रमुख तीर्थ स्थानों के लिए प्रसिद्ध है। 

आज के इस आर्टिकल में उत्तराखंड की राजधानी और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही हैं। 

9 नवंबर 2000 को भारत के 27वे राज्य के रूप में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था। इसके पहले यह राज्य उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था जिसे बाद में बदलकर उत्तराखंड किया गया। 

भारत में एक से अधिक राजधानियों वाले राज्यों में उत्तराखंड पांचवाँ राज्य है। पवित्र गंगा नदी के तट पर बसे इस राज्य की सबसे खासियत ये है कि इसकी दो राजधानियाँ है। उत्तराखंड में शीतकालीन राजधानी अलग है, और ग्रीष्मकालीन राजधानी अलग है। 

उत्तराखंड की राजधानी क्या है?

उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून है जो कि इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण है जो कि एक छोटा सा कस्बा है, परन्तु यहाँ की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है। 

उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी  देहरादून  

यह हमारे देश की राजधानी दिल्ली से 230 किलोमीटर की दूरी पर दून घाटी में बसा हुआ है। देहरादून उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर है इसलिए इसे उत्तराखंड की राजधानी बनाया गया है। हिमालय के काठमांडू और श्रीनगर के बाद तीसरा सबसे बड़ा शहर देहरादून ही है। 

क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में देहरादून 300 वर्ग किलोमीटर यानी 100 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ नगर है और यहाँ की जनसंख्या 803,983 है। देहरादून की ऑफिशियल भाषा हिंदी और संस्कृत है। यहाँ की क्षेत्रीय भाषाओं में गढ़वाली, जोनसरी और अँग्रेजी प्रमुख है।

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देहरादून की भूगोल तथा जलवायु

देहरादून जिला उत्तर से हिमालय से तथा दक्षिण से शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मसूरी, सहस्त्रधारा, लाखामंडल, चकराता एवं डाकपत्थर जैसे कुछ प्रसिद्ध पहाड़ी नगर इसके अंतर्गत आते हैं। इसकी पश्चिमी सीमा पर हिमाचल प्रदेश का जिला एवं यमुना नदी है, तथा इसके दक्षिण में हरिद्वार जिला और उत्तर प्रदेश की सहारनपुर जिला पड़ता है।

यहाँ एक मसूरी का पहाड़ी इलाका है जिसकी ऊंचाई 1870 से 2017 मीटर  है। यहाँ पर भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना, अचानक बाढ़, सी लहरों और ओलावृष्टि से संबंधित प्राकृतिक आपदाएँ अक्सर आती रहती हैं। देहरादून के पूर्व में गंगा नदी और पश्चिम में यमुना नदी है। देहरादून को दो भागों में विभाजित किया गया है:- 

  • एक शिवालिक से घिरा हुआ देहरादून, 
  • दूसरा हिमालय की तलहटी में स्थित जौनसार बावर। 

देहरादून की जलवायु आद्र उष्णकटिबंधीय समशीतोष्ण है। यहाँ ग्रीष्म काल में तापमान 44 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है और सर्दियों में तापमान 0 डिग्री सेंटीग्रेड से भी नीचे चला जाता है। देहरादून का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। जून माह से सितंबर माह के बीच सबसे अधिक वर्षा होती है। देहरादून में औसतन 2073.3 मिलीमीटर वर्षा होती है।

शिक्षा

देहरादून बहुत पहले से ही अपने शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहाँ के दून और वेल्हम्स जैसे स्कूल का नाम पूरे देश में प्रसिद्ध है। देहरादून में भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा सैनिक सेवाओं के ट्रेनिंग सेंटर भी स्थित है। जिनके कारण शिक्षा के क्षेत्र में यहाँ का महत्व बढ़ जाता हैं। इसके अतिरिक्त कई राष्ट्रीय संस्थान जैसे IIP, तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया भी यहाँ हैं। फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर, University of petroleum for energy studies, National institute for the virtual handicapped, शार्प मेमोरियल स्कूल फॉर द ब्लाइंड यहाँ के अन्य प्रमुख संस्थानों में से है।

संस्कृति और पर्यटन

देहरादून की संस्कृति में उत्तराखंड की संस्कृति बिल्कुल शुद्ध रूप से दिखायी देती है। यहाँ के पर्यटन स्थलों की में यहाँ का क्लॉक टावर, शांतिनिकेतन, कलिंगा स्मारक, चंद्रबनी, हिमालयन गैलरी, वन अनुसंधान संस्थान, तपोवन, संतला देवी का मंदिर, साईं मंदिर, सेंट्रल ब्रेल प्रेस, टपकेश्वर मंदिर आदि अनेक दर्शनीय स्थल हैं। मसूरी, चकराता, डाकपत्थर यहाँ की प्रमुख हिल स्टेशन हैं। इन स्थानों के अलावा एम्यूजमेंट पार्क एवं और मनोरंजन स्थल भी देहरादून में स्थित है। ये स्थान प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है। 

परिवहन 

यहाँ सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग :- 

यह शहर देश के सभी क्षेत्रों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ पर देहरादून और दिल्ली दो बस स्टैंड है। राजधानी दिल्ली से देहरादून तक के लिए सुविधाजनक बस सेवा उपलब्ध है। आसपास के शहरों के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं। देश के अन्य मुख्य शहरों से भी सड़क मार्ग द्वारा आसानी से वाहन द्वारा देहरादून पहुँचा जा सकता है।

रेल मार्ग :-

देश के सभी मुख्य शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ आदि अन्य अनेक शहरों से देहरादून रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। मसूरी एक्सप्रेस दून एक्सप्रेस एवं शताब्दी जैसी एक्सप्रेस ट्रेनें नियमित रूप से चलती है।

हवाई मार्ग :- 

यहाँ जौली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई मार्ग द्वारा

देश के दूसरे क्षेत्रों से इस हवाई अड्डे तक पहुँचा जा सकता है। इंडियन एयरलाइंस की सप्ताह में पाँच फ्लाइट राजधानी दिल्ली से इस हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर्ती है।

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण   

उत्तराखंड राज्य  की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक शहर है। यह पूरे उत्तराखंड राज्य के मध्य में है। गैरसैंण कुमाऊं और गढ़वाल के बीच स्थित है। यहाँ मैदानी तथा प्रकृति का खूबसूरत भूभाग है। 

गैरसैंण नगर 7.53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 5750 फुट है। 

गैरसैंण की जनसंख्या 2022 में 79,887 है।

संस्कृति

कुमाऊनी, गढ़वाली सभ्यता हिमालय क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतव है। यहाँ की संस्कृति, पर्वतीय जीवन शैली तथा अलौकिक प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्धहै।

भाषा

यहां पर ज्यादातर गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा बोली जाती है। ऑफिशियली हिंदी और इंग्लिश भाषाएँ प्रयोग होती है।

  • परिवहन
  • सड़क मार्ग :-

दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी से यहां बसें उपलब्ध है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 9 गजरौला, मुरादाबाद, काशीपुर के रास्ते से होकर गुजरता है।

रेल मार्ग :- 

यहाँ पर काठगोदाम रेलवे जंक्शन है, जो कि गैरसैंण से 175 किलोमीटर दूर है। यहाँ एक और रेलवे जंक्शन रामनगर भी है जो यहाँ से 150 किलोमीटर दूर है। 

वायु मार्ग :- 

पंतनगर का हवाई अड्डा गैरसैंण से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। 

निष्कर्ष

बहुत कम ही ऐसे राज्य हैं जिनकी शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन प्रकार की दो राजधानियाँ होती हैं। 

उत्तराखंड राज्य की राजधानी का महत्व इसलिए अधिक है। उत्तराखंड, पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, सुंदर वादियाँ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 

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