DRDO Full Form in Hindi-डीआरडीओ क्या है?

आज का हमारा आर्टिकल DRDO Full Form है। इस आर्टिकल में हमने आपको DRDO से संबंधित सभी जानकारी देंगे।

DRDO Full Form क्या है?

DRDO Full Form Defence Research and Development Organisation है। DRDO का हिंदी अर्थ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

DRDO या रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन क्या है?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत हैं। इसकी स्थापना सन 1958 में दिल्ली में हुई थी। इसका गठन प्रौद्योगिकी विकास अधिष्ठान, प्रौद्योगिकी विकास और उत्पादन निदेशालय तथा भारतीय विज्ञान संस्थान के अधीन किया गया था।

सन 1960 में डीआरडीओ ने अपनी पहली परियोजना को अंजाम दिया था जिसका नाम इंडिगो रखा गया था तथा डीआरडीओ का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट द्वारा सतह से हवा में छोड़ने वाले मिसाइलों का निर्माण करना था। परंतु विफलता के कारण इसे बंद कर दिया गया।

लेकिन सन् 1970 में इंडिगो परियोजना ने वैलेंट परियोजना के साथ गठबंधन करके डेविल परियोजना का आरंभ किया। डेविल परियोजना के तहत पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और नाग मिसाइल आदि के निर्माण की योजना बनाई गई थी। वर्तमान डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी है। अबतक डीआरडीओ द्वारा जिन मिसाइलों का निर्माण किया गया है वह इस प्रकार हैं-:

  • अग्नि मिसाइल Agni Missile
  •  पृथ्वी मिसाइल ( Prithvi Missile )
  • आकाश मिसाइल ( Akash Missile)
  • त्रिशूल मिसाइल ( Trishul Missile )
  • नाग मिसाइल. ( Naag Missile )
  • सागरिका मिसाइल ( Sagarika Missile )
  • निर्भय मिसाइल ( Nirbhay Missile )
  • शौर्य मिसाइल ( Shaurya Missile )
  • ब्रह्मोस मिसाइल ( BrahMos Missile)
  • अस्त्र मिसाइल ( astra missile )
  • धनुष मिसाइल ( Dhanush Missile )
  • युद्ध टैंक अर्जुन ( Battle Tank Arjun )
  • हल्का लड़ाकू विमान ( Light Combat Aircraft)
  • बहुमुखी रोबोट बाहू ( Versatile Robot Bahu)
  • लेज़र चेतावनी प्रणाली (Laser Warning System)
  • कावेरी इंजन ( Kaveri Engine)
  • स्वदेशी एक्स-रे औद्योगिक टोमोग्राफी सिस्टम (Indigenous X-ray Industrial)
  • संरक्षक वस्त्र (protective clothing)
  • पैराशूट प्रणाली ( Parachute System)

DRDO का लक्ष्य

डीआरडीओ का सर्वप्रथम लक्ष्य रक्षा सेवाओं की आवश्यकता हेतु विश्व स्तर पर मौजूद प्रतिस्पर्धियों से जंग के दौरान इस्तेमाल होने वाले हथियार तथा उत्पाद के निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत तकनीक को बढ़ावा देते हुए देश के तकनीकी आधार का मजबूती से निर्माण करना है।

इसके अलावा सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करना, भारतीय सैनिकों को तकनीकी रक्षा सेवा से संबंधित उचित तकनीकी समाधान से अवगत कराना, सेंसर प्रणाली को उत्तम बनाना तथा उन्नत एवं गुण आधारित श्रम शक्ति का निर्माण करना डीआरडीओ का लक्ष्य रहा है।

देश के सैनिकों को स्वयं की सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित कार्यक्रमों का संचालन डीआरडीओ द्वारा एक लक्ष्य के अंतर्गत आता है।डीआरडीओ लगातार विश्व एवं देश की सुरक्षा हेतु उन्नत हथियारों एवं मिसाइलों का निर्माण कर रहा है।

डीआरडीओ द्वारा सैनिकों को तकनीकी तथा अन्य रक्षा सेवाओं के लिए समाधान से अवगत कराया जाता है तथा देश की सुरक्षा हेतु नई तकनीकों से हर सैनिक को अवगत कराया जाता है। डीआरडीओ की यह जिम्मेदारी होती है कि वह प्रतिस्पर्धी देश से बचाव हेतु तथा विश्व स्तरीय युद्ध जैसी स्थितियों के लिए स्वयं को हथियार प्रणाली के आधार पर मजबूत रखें।

इस आर्टिकल में हमने आपको डीआरडीओ से संबंधित जानकारी प्रदान की है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा।

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