ED Full Form In Hindi -ED क्या है?

ED Full Form-दोस्तों अगर आप देश में हो रहे घोटालों की जांच  में रुचि रखते हैं तो बेशक आपने ED ईडी का नाम जरूर सुना होगा। आए दिनों समाचार पत्रों में और टेलीविजन के न्यूज़ चैनलों में आपने ED का जिक्र सुना होगा। 

ED भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन एक सरकारी जांच एजेंसी है जो मुख्यतः मनी लांड्रिंग और अन्य आर्थिक मामलों में घोटालों की जांच करती है।

इसका पूरा नाम प्रवर्तन निदेशालय है जिसे कई बार आर्थिक प्रवर्तन निदेशालय भी कहा जाता है। इसका मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में है।

भारत का प्रवर्तन निदेशालय अर्थात् ED एक आर्थिक खुफिया एजेंसी है जो आर्थिक मामलों में हुए घोटालों की जांच करती है और कई आर्थिक मामलों पर कानून भी बना सकती है। ED में जांच के लिए नियुक्त किए गए सभी उच्च पदाधिकारी संघ लोक सेवा आयोग के आईएएस IAS आईपीएस IPS और आईआरएस IRS रैंक के होते हैं।

भले ही आपने ED का जिक्र कई बार सुना होगा लेकिन क्या आप ED Full Form In Hindi जानते हैं कि आखिर ED का फुल फॉर्म क्या है ?

अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं क्योंकि आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ED Full meaning In Hindi के बारे में बताने वाले हैं इसके साथ ही हम आपको आईडी से जुड़े और भी कई सारे Facts बताएंगे।

ED का फुल फॉर्म – ED Full Form

ED का फुल फॉर्म  ENFORCEMENT DIRECTORATE or DIRECTORATE OF ENFORCEMENT होता है।

हिंदी में ENFORCEMENT DIRECTORATE (ED) को प्रवर्तन निदेशालय कहा जाता है। बीपी मामलों से जुड़े होने के कारण इसे आर्थिक प्रवर्तन निदेशालय भी कहा जाता है।

यह पूरी तरह से भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन हैं जो वित्तीय अर्थात आर्थिक मामलों में होने वाले घोटालों की जांच एजेंसी है।

प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ED का मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। इसके 5 मुख्य कार्यालय मुंबई, चंडीगढ़, चेन्नई, कोलकाता तथा नई दिल्ली में स्थित है।

इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय के कई सारे क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इसके 11 उप कार्यालय भी हैं। ED मुख्यालय के प्रमुख को प्रवर्तन निदेशक कहते हैं जबकि उप कार्यालयों के प्रमुख को उप निदेशक कहते हैं।

ED घोटालों की जांच के साथ-साथ आर्थिक मामलों पर कानून बनाने का अधिकार भी रखती है। इसने आर्थिक मामलों को लेकर कुछ कानून लागू किए हैं जिन का उल्लंघन करने पर ईडी तुरंत उस व्यक्ति पर कार्रवाई करती है।

इसके दो प्रमुख लागू किए गए कानून निम्नलिखित है –

  • विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम FOREIGN EXCHANGE MANAGEMENT ACT , 1999 (FEMA)
  • धन शोषण निवारक अधिनियम PREVENTION OF MONEY LAUNDERING ACT, 2002 (PMLA 2002)

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ED के कार्य –

ED अर्थात प्रवर्तन निदेशालय वित्त मंत्रालय के अधीन है जो आर्थिक घोटालों की जांच की खुफिया एजेंसी की भूमिका निभाती है। इसके अलावा उसे इन मामलों पर कानून लागू करने का भी अधिकार है।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लागू किए गए कुछ नियमों के अनुसार उसके कार्य निम्नलिखित हैं।

  • विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत भारत का प्रवर्तन निदेशालय विदेशी विनिमय प्रबंधन विधियों के उल्लंघन की जांच करता है तथा दोषी के ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार रखता है।
  • धन शोषण निवारक अधिनियम के तहत भारत का प्रवर्तन निदेशालय आपराधिक गतिविधियों से अर्जित किए गए धन और संपत्ति की जांच करता है। जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर वह इन आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई संपत्ति को ज़ब्त करने का अधिकार रखता है तथा दोषी के खिलाफ मुकदमा चलाने का भी अधिकार रखता है।
  • भारत का प्रवर्तन निदेशालय आर्थिक घोटालों को कम करने के लिए आर्थिक मामलों से जुड़े नियमों को लागू करता है तथा गैर वैधानिक तरीके से अर्जित किए जाने वाले धन और संपत्तियों पर भी कड़ी नजर रखता है। इसके अलावा काला धन आदि जब्त करने में सहायता भी करता है।

ED का गठन और इतिहास –

प्रवर्तन निदेशालय ED का गठन 1 मई 1956 को नई दिल्ली में हुआ था।

विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम 1947 के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों का उल्लंघन रोकने के लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय का गठन किया गया। प्रवर्तन निदेशालय में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उच्च पदों पर कार्यभार संभालते हैं इसके अलावा भारतीय राजस्व विभाग के और कई पुलिस सेवा अधिकारी भी इसमें काम करते हैं।

ED के अधिकार –

  • देश में वित्त से संबंधित हो रहे गैरकानूनी गतिविधियों पर कार्रवाई का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय के पास है।
  • प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग के मामले में दोषियों को गिरफ्तार कर सकता है और उन पर कार्रवाई कर उनकी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी रखता है।
  • भारत सरकार द्वारा विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की पूरी छूट दी गई है।
  • इन सबके अलावा भारत का प्रवर्तन निदेशालय गैर वैधानिक रूप से अर्जित किए गए धन और संपत्तियों पर कड़ी नजर रखना भी है।
  • FEMA 1999 और FERA 1973 जैसे अधिनियम के तहत वित्तीय मामलों पर जांच की कार्रवाई का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय को है।

ED के उद्देश्य –

ED का सबसे प्रमुख उद्देश्य विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम FEMA 1999 और धन शोषण निवारक अधिनियम PMLA 2002 को लागू करना तथा इन अधिनियमों के विरुद्ध गतिविधियों पर कार्रवाई करना है। 

भारत का प्रवर्तन निदेशालय ED मुख्य रूप से गैरकानूनी मनी लांड्रिंग मामले पर एक्शन लेने के लिए है। मनी लांड्रिंग मामले में अपनी कार्रवाई के तहत वह संपत्तियों को जप्त भी कर सकता है।

इसका उद्देश्य एक खुफिया एजेंसी की तरह ऐसे मामलों पर जांच करना है जबकि किन मामलों पर जांच को सार्वजनिक डोमेन पर प्रकाशित करना पूरी तरह से भारत सरकार के दिशा निर्देशों के विपरीत है।

भ्रष्टाचार से लड़ने में ED की भूमिका –

भारत में आर्थिक भ्रष्टाचार से कानून की लड़ाई में प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ईडी अपनी विशेष भूमिका निभाती है। प्रवर्तन निदेशालय काला धन और मनी लांड्रिंग जैसे मामलों पर निष्पक्ष जांच करती है और इन मामलों से संलिप्त दोषियों को गिरफ्तार भी करती है। पिछले कुछ सालों से प्रवर्तन निदेशालय अत्यंत सक्रिय हो गया है।

FAQ –

ED का फुल फॉर्म क्या है ?

ED का फुल फॉर्म ENFORCEMENT DIRECTORATE है। जिस का हिंदी अर्थ प्रवर्तन निदेशालय होता है।

ED का कार्य क्या है ?

ईडी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की खुफिया एजेंसी है जो मनी लांड्रिंग और अन्य वित्तीय मामलों में हो रहे गैर कानूनी गतिविधियों पर कार्रवाई करती है।

ED किसके नियंत्रण में काम करती है ?

ED भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।

FEMA का फुल फॉर्म क्या है ?

FEMA का फुल फॉर्म foreign exchange management act है। हिंदी में इसे विदेशी विनिमय नियंत्रण अधिनियम कहते हैं।

PMLA का फुल फॉर्म क्या है ?

इस का फुल फार्म Prevention of money laundering act है जिसे हिंदी में धन शोषण निवारक अधिनियम कहते हैं।

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