MLC Full Form-दोस्तों हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में आए दिनों चुनाव होते रहते हैं। कभी लोकसभा सांसदों का चुनाव, तो कभी विधानसभा के विधायकों का चुनाव हर 5 वर्ष में देखने को मिलता है। लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष होता है यानी कि इसमें सीधे देश और राज्य की जनता भाग लेती है और अपने प्रतिनिधि के रूप में अपने पसंदीदा राजनेता को चुनती है।
लेकिन हमारे देश में कई ऐसे अप्रत्यक्ष चुनाव भी होते हैं जिनमें जनता सीधे भाग नहीं लेती बल्कि इन चुनावों में जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि भाग लेते है। दोस्तों इन चुनावों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव शामिल है।
हमारे देश के संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक विधानसभा और कुछ प्रमुख राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था की गई है जो राज्य सरकार के प्रमुख अंग होते हैं।
अगर आप बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक अथवा तेलंगाना से हैं तो आपने विधान परिषद के बारे में जरूर सुना होगा। विधान परिषद सदस्यों के चुनाव को MLC चुनाव भी कहा जाता है। लेकिन क्या आपको एमएलसी का अर्थ MLC Meaning In Hindi पता है ?
लोग अक्सर MLA और MLC को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। ज्यादातर लोगों को यह भी नहीं पता कि एमएलसी MLC का फुल फॉर्म क्या होता है।
तो दोस्तों आइए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए एमएलसी का फुल फॉर्म, MLC Full Form In Hindi के बारे में बताते हैं।
MLC का फुल फॉर्म ( MLC Full Form In Hindi ) –
MLC का फुल फॉर्म Member Of Legislative Council होता है। विधान परिषद को अंग्रेजी में Legislative Council कहते हैं। इसलिए विधान परिषद के सदस्यों को MLC कहा जाता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 के तहत भारत के कुछ प्रमुख राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था की गई है। भारत में इस समय कुल 6 राज्य ऐसे हैं जिनमें विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद की व्यवस्था की गई है। विधानसभा और विधान परिषद को सामूहिक रूप से विधानमंडल कहा जाता है।
विधान परिषद विधान मंडल का एक अहम हिस्सा है हालांकि भारतीय संविधान विधान परिषद के सदस्यों को सीमित शक्तियां देता है लेकिन MLC राज्य सरकार के संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विधान परिषद वाले राज्यों में MLC का चुनाव 6 वर्ष के लिए किया जाता है जिसके लिए निर्वाचित होने की कुछ योग्यताएं तय की गई है।
भले ही विधान परिषद के सदस्यों की शक्तियां सीमित हो लेकिन उन्हें भी विधानसभा के विधायकों की तरह ही सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
विधान परिषद के सदस्य ना ही राज्य सरकार का गठन कर सकते हैं और ना ही राज्य सरकार को भंग कर सकते हैं जबकि विधानसभा के सदस्य विधान परिषद के गठन और भंग करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।
हालांकि विधान मंडल के इस सदन में राज्य सूची और समवर्ती सूची से जुड़े विषयों पर बिल प्रस्तुत किए जा सकते हैं। विधान परिषद सदस्यों के बहुमत से विधान परिषद में बिल पास होते हैं और विधानसभा पास भेज दिए जाते हैं। फिर दोनों सदनों से सहमति के बाद यह बिल राज्यपाल तक पहुंचता है और उनके हस्ताक्षर के साथ कानून बन जाता है।
MLC बनने के लिए आवश्य योग्यताएं –
भारतीय संविधान में अलग-अलग पदों पर निर्वाचन के लिए कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। जिन योग्यताओं के अनुसार योग्य होने पर ही आप चुनाव लड़ सकते हैं।
ठीक इसी प्रकार MLC अर्थात विधान परिषद के सदस्यों के चुनाव के लिए भी संविधान में कुछ योग्यताएं तय की गई है। निम्नलिखित योग्यताओं के अनुकूल होने पर ही आप विधान परिषद सदस्य MLC का चुनाव लड़ सकते हैं।
- MLC का प्रत्याशी भारत का नागरिक होना चाहिए।
- प्रत्याशी की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
- प्रत्याशी किसी सरकारी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
- प्रत्याशी मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए अर्थात वह पागल अथवा दिवालिया ना हो।
कोई भी व्यक्ति इन सभी योग्यताओं के साथ विधान परिषद का सदस्य MLC बन सकता है।
MLC का कार्यकाल कितना होता है ?
दोस्तों योग्यताओं के साथ-साथ भारतीय संविधान ने विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल भी निर्धारित किया है।
MLC अर्थात विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। हालांकि इसके एक तिहाई सदस्य हर 2 साल के बाद हट जाते हैं। हर 2 साल में हटाए जाने वाले एक तिहाई सदस्य फिर से विधान परिषद का चुनाव लड़ सकते हैं। कुछ परिस्थितियों में विधान परिषद के कुछ सदस्य राज्य के राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
MLC का चुनाव कैसे होता है ?
विधान परिषद के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
भारतीय संविधान के अनुसार केंद्रीय सदन और राज्य के सदनों के सदस्य प्रत्यक्ष रूप अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित किए जाते है।
लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है जिसमें जनता सीधे भाग लेती है और अपना मत देकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनती है।
लेकिन राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति और विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है जिसमें जनता सीधे भाग नहीं लेती बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि भाग लेते हैं।
विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों को विधानसभा के सदस्य अर्थात विधायकों द्वारा चुना जाता है। इसके अलावा विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य नगर पालिका, नगर निगम, जिला पंचायत, तथा क्षेत्र पंचायत के द्वारा चुने जाते हैं। जबकि 1/12 सदस्यों को शिक्षकों तथा 1/12 सदस्यों को पंजीकृत स्नातकों द्वारा चुना जाता है। इसके अलावा विधान परिषद के कुछ सदस्यों को राज्य के राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपना आदर्श योगदान देते हैं।
MLC का वेतन और भत्ता –
MLC अथवा विधान परिषद के सदस्यों को विधायकों के समान ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं हालांकि उनकी शक्तियां सीमित होती हैं।
विधान परिषद के सदस्यों को लगभग ₹40000 प्रति माह का मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें राज्य के भीतर ₹20 प्रति किलोमीटर टी. ए. अर्थात यात्रा भत्ता के रूप में दिया जाता है। जबकि राज्य के बाहर ₹25 प्रति किलो मीटर का यात्रा भत्ता दिया जाता है। इसके अलावा विधान परिषद के सदस्यों को राज्य में ₹2000 प्रतिदिन का दैनिक भत्ता दिया जाता है जबकि राज्य के बाहर 2500 प्रतिदिन का दैनिक भत्ता प्रदान किया जाता है।
इन सबके अलावा विधान परिषद के सदस्य को राज्य सरकार द्वारा ₹50000 प्रति माह का क्षेत्रीय भत्ता दिया जाता है। जबकि उनकी स्टेशनरी के लिए राज्य सरकार प्रतिमाह ₹10000 का खर्च वहन करती है।
विधान परिषद वाले राज्यों की सूची –
भारतीय संविधान के अनुसार भारत के प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल की व्यवस्था की गई है। विधानसभा और विधान परिषद दोनों इसी विधानमंडल के अंग हैं। हालांकि भारत के ज्यादातर राज्यों में विधानमंडल केवल विधानसभा से बना होता है जबकि कुछ प्रमुख राज्यों में विधान मंडल विधान सभा और विधान परिषद दोनों को मिलाकर बनता है।
इन राज्यों में बिहार उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं। हालांकि इससे पहले जम्मू और कश्मीर में भी विधान मंडल के अंतर्गत विधान परिषद की व्यवस्था थी लेकिन जब से जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है तब से वहां विधान परिषद की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। इस समय भारत के केवल 6 राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है।
FAQ –
MLC का फुल फॉर्म क्या होता है ?
MLC का फूल फॉर्म Member Of Legislative Council होता है।
MLC का वेतन कितना होता है ?
MLC को ₹40 हज़ार प्रति माह वेतन के रूप में दिए जाते हैं। जबकि इसके अलावा राज्य सरकार ₹50000 प्रतिमाह उसे क्षेत्रीय भत्ते के रूप में देती है।
MLC के लिए उम्र कितनी होनी चाहिए ?
MLC बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
भारत के किन राज्यों में विधान परिषद है ?
उत्तर प्रदेश बिहार महाराष्ट्र कर्नाटक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत छह प्रदेशों में विधान परिषद है।