RTO का Full Form “Regional Transport Office” होता है। जिसका मुख्य कार्य वाहनों का पंजीकरण करना होता है। RTO का हिंदी में मतलब को “क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ” होता है। RTO का मुख्य कार्य वाहनों से जुड़े हर जरूरी कार्य को करने से होता है।
RTO Full Form क्या है?
हर जिले में एक RTO office जरूर ही होता है जिसका अपना एक RTO CODE होता है।RTO को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 213 A के अंतर्गत सन 1988 में अस्तित्व में लाया जा चुका था। इस अधिनियम के अंतर्गत ही यह निश्चित किया गया कि RTO के अध्यक्षता परिवहन आयुक्त के द्वारा यह जांच की जाएगी कि उस शहर में निर्धारित सभी काम पूर्ण रूप से सही ढंग से किये जा रहे है।
RTO का कार्य वाहनो के पंजीकरण करने के साथ ही Driving license बनाना और वाहनों का पंजीकरण कार्ड बनाना भी होता है। इस केंद्र सरकार ब्यूरो के द्वारा ही बहुत से राज्यो में Digital card बनाये जाते है।
ये digital card हर राज्य के लिए वहाँ के राज्य RTO code के अंतर्गत ही बनाया जाता है जिसका size Pan card के बराबर का होता है। इस Digital card में उक्त वाहन के पूर्ण विवरण के साथ ही वाहन धारक की फ़ोटो और नाम एवं पता आदि की जानकारी लिखी हुई होती हैं RTO द्वारा उक्त वाहन के लिए एक RTO code दिया जाता है जो अक्सर ही वाहनों के पीछे plate पर या वाहन के आगे लिखा हुआ रहता है। यह number RTO द्वारा ही दिया जाता है।
इस CODE की सहायता से आप न केवल गाड़ी का पता लगा सकते है बल्कि आपको उस गाड़ी के मालिक (जिसके नाम वह गाड़ी है ) का पता भी चल जाता है। इसके साथ ही आपको उस गाड़ी के बारे यह भी पता चल जाता है कि वह किस राज्य की है और उस राज्य के किस जिले की है।