ग्लोबल वार्मिंग क्या है, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव और रोकथाम के उपाय | Global Warming

ग्लोबल वार्मिंग क्या है?-हम बात कर रहे हैं ग्लोबल वार्मिंग की, लोगों के इंटरनेट पर ग्लोबल वार्मिंग को लेकर काफी सवाल होते हैं जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग क्या है ग्लोबल वार्मिंग पर स्लोगन, ग्लोबल वार्मिंग के कारण, इन्हीं सब कारणों को ध्यान में रखते हुए आज हम इस पोस्ट में ग्लोबल वार्मिंग के सभी टॉपिक को समझेंगे और जानेगे।

हम पर और हमारे पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग का बहुत बुरा असर पड़ रहा है, ग्लोबल वार्मिंग का नाम तो लगभग सभी ने सुना होगा लेकिन ग्लोबल वार्मिंग क्या है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं हम इस पोस्ट से आपकी ग्लोबल वॉर्मिंग से जुड़े सभी सवालों का

जवाब देंगे और आपको पूरी जानकारी भी देंगे..

ग्लोबल वार्मिंग क्या है -Global Warming

ग्लोबल वार्मिंग को आसान भाषा में समझे तो पृथ्वी पर बढ़ रहे तापमान और इसकी वजह से हो रहे परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। साल 1880 से पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और इस कारण से महासागरों का भी तापमान बढ़ता जा रहा है, ग्रीन हाउस गैसों के कारण पृथ्वी पर बढ़ रहे तापमान को ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं, ग्रीन हाउस गैसों में मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, ओजोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि गैसे शामिल हैं।

कोयला या तेल जैसे ईधन के जलने से जो कार्बन डाईआक्साइड निकलती है, ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी की गर्मी बाहर नहीं जाने देती और पृथ्वी पर ही रह जाती है जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है।

वातावरण में बहुत अधिक कार्बन डाइऑक्साइड होने के कारण Global Warming की समस्या बढती जा रही है, कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी में उपस्थित गर्मी को बाहर नहीं जाने देती है, यह एक चादर की तरह होती है, जिससे पृथ्वी में उपस्थित गर्मी निकल नहीं पाती है,और इसी में फसकर रह जाती है।

ज्यादातर लोगों को लगता है, कि Global Warming से संसार को कुछ खतरा नहीं है, लेकिन Global Warming संसार की इतनी बडी समस्या है, जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते, जीवन की भाग दौड़ में लगे रहने वाले व्यक्ति के लिए इसका कोई महत्व नहीं है, लेकिन विज्ञान की दुनिया में अगर हम ग्लोबल वार्मिंग की बात करें तो ग्लोबल वार्मिंग को 21वीं सदी का सबसे बड़ा खतरा माना गया है यह ऐसा खतरा है जो तीसरा विश्वयुद्ध या फिर किसी छुद्र ग्रह एस्टेरॉइड के पृथ्वी से टकराने के बराबर है.

National Science Academics Of the Major Industrilized Nations की रीडिंग में रिकॉर्ड किया गया कि पृथ्वी का जलवायु परिवर्तन सामान्य रूप से Minimum 0.3 से 1.7 और  Maximum 2.6 से 48 डिग्री बढ़ने की संभावना है। इस बदलाव से समुद्र का स्तर बढ़ सकता है और रेगिस्तान फैलने लगेंगे।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण –

ग्लोबल वार्मिंग क्या है, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव और  रोकथाम के उपाय

ग्रीन हाउस गैसें ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है, धरती सूर्य से आने वाली किरणों से उस्मा प्राप्त करती है जब सूर्य कि यह किरण वायुमंडल से होकर गुजरती है, तो वह धरती की सतह से टकराती हैं, जिसके कारण वे फिर से परिवर्तित होकर पुनः लौट जाती हैं, वैज्ञानिकों का मानना है कि जैसी जैसी ग्रीन हाउस गैसों में वृद्धि होगी Green House गैसों से बनाया गया आवरण और भी मोटा होता जायेगा जिसके कारण यह और अधिक सूर्य की किरणों को रोकने लगेगा। फ्फिर ग्रीन हाउस गैसों के द्वारा हमें ग्लोबल वॉर्मिंग के बारे में हमें ऐसे दुष्प्रभाव देखने को मिलेंगे जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की।

मानव द्वारा उत्पन्न की गई ग्रीनहाउस गैस वर्तमान में हो रहे पर्यावरण के तापमान में हो रही वृद्धि के कारण है और मानव जनित कार्बन उत्सर्जन का ग्लोबल वार्मिंग में 90% योगदान है।

ज्वालामुखी विस्फोट भी Global warming के लिए जिम्मेदार है, ज्वालामुखी विस्फोट से कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है, जो ग्लोबल वॉर्मिंग में योगदान देती है.

पेड़ पौधों व वनों की कटाई भी ग्लोबल वार्मिंग का एक बड़ा कारण है, वनों की कटाई से होने वाली प्रमुख समस्या कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ना भी है। कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका पेड़ों की कटाई को रोकना तथा अधिक से अधिक पौधे लगाना है।

ओजोन परत में आने वाली कमी ग्लोबल वार्मिंग का एक बड़ा कारण है। अंटार्कटिका में ओजोन परत में कमी देखने को मिली है। ओजोन परत सूर्य की सभी हानिकारक किरणों को धरती पर आने से रोकती है।

ग्लोबल वार्मिंग के लिए कीटनाशक दवा एवं उर्वरक भी जिम्मेदार है। फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए किया जाने वाला कीटनाशक दवाएं व उर्वरक भी ग्लोबल वॉर्मिंग का बड़ा जिम्मेदार है और बहुत ही हानिकारक है, यह मिट्टी को प्रदूषित करने के साथ-साथ मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड आदि गैसों को बढ़ाने का कार्य करता है।

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव –

1- ग्लोबल वार्मिंग की वजह से काफी ज्यादा परिवर्तन हो रहे हैं जैसे सर्दी के मौसम में कमी होना, बरसात में कमी होना, गर्मी के मौसम में बढ़ावा, चोटियों का पिघलना, बिन मौसम बरसात, बाढ़ आना, चक्रवात आना, सूखा पड़ना।

2- ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ऑक्सीजन की मात्रा में कमी देखने को मिली है।

3- मनुष्य के स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होने के कारण कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।

4- फसलों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है मौसम में होने वाले बदलाव के कारण फसले उग नहीं पाती है, तथा बारिश समय पर ना होने से फसलें नष्ट हो जाती हैं, जिस कारण में कम होने से इसकी आपूर्ति होना भी मुश्किल होता जा रहा है।

Global Warming रोकथाम के उपाय

  • ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का सबसे बढ़िया तरीका है कि बनो तथा पेड़ पौधों कटाई पर रोक काम लगाएं तथा अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने का प्रयास करें।
  • फैक्ट्रियों तथा कारखानों से निकलने वाला धुआ बहुत हानिकारक होता है, और इस में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में गर्मी उत्पन्न करती है, इसलिए कारखानो तथा फैक्ट्रियों पर रोक लगाना चाहिए।
  • जिन वस्तुओं को नष्ट नहीं किया जा सकता उन्हों रीसाइक्लिंग की मदद से द्वारा उपयोग में लाना चाहिए।
  • बिजली से चलने वाले साधना की जगह हमें सौर ऊर्जा से चलने वाले साधनों का उपयोग करना चाहिए।
  • लंबी यात्रा के लिए हमें कार की जगह हमें सार्वजनिक बस से यात्रा करनी चाहिए, क्योंकि अगर आप बस या ट्रेन से सफर करेंगे तो आपकी कार में जो ईंधन लगता है वह बचेगा।
  • इन सभी चीजों को करने में असुविधा हो सकती है लेकिन अगर हम इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह सब कार्य करें तो ग्लोबल वार्मिंग पर काबू पाया जा सकता है, और हमें आने वाले खतरे से बचने में सहायता मिलेगी।

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