APMC Full Form in Hindi-एपीएमसी क्या है?

APMC Full Form फुल फॉर्म English Agriculture produce Market Committee होती है। हिंदी में इसे कृषि उपज विपणन समिति कहते है। यह कृषि राज्य का एक विषय है जिसके द्वारा अधिकांश राज्य सरकार ने पारदर्शिता और व्यापारियों के विवेकाधिकार को समाप्त करने के लिये सन 1950 या उसके बाद APMC अधिनियम को लागू किया।

यह समग्र रूप में सरकारी नीतियों द्वारा किसानों का विस्तार है जो खाद्य सुरक्षा, किसानों के लाभकारी मूल्य और उपभोक्ताओं के उचित मूल्य को निर्धारित करता है।

APMC Full Form Kya hai?

राज्य व्यापार मंडियों में बिचौलियों द्वारा किसानों पर किए जाने वाले शोषण घटनाओं को खत्म करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा स्थापित कृषि उपज मंडी समितियां या APMC एक विपणन बोर्ड की स्थापना की गयी।

किसानों द्वारा अपने खाद्य उत्पाद को इन व्यापारिक मंडियो में नीलामी के लिए लाया जाता है जिसे राज्य सरकार के कृषि उपज मंडी  समिति द्वारा निर्धारित किए गए मूल से ऊपर नीलामी बोली व्यापारियों द्वारा लगाई जाती है।इससे किसान को अपने खाद्य उत्पाद का एक समर्थन मूल्य मिलता है।

बाजार का स्थान यानी मंडी राज्यों के भीतर विभिन्न स्थानों पर स्थापित की जाती है। ये बाजार भौगोलिक रूप से राज्य को विभाजित करते हैं। तथा व्यापारियों को एक बाजार के भीतर खाद्य पदार्थों को खरीदारी करने के लिए लाइसेंस जारी किए जाते हैं। मॉल मालिकों, थोक व्यापारियों, खुदरा व्यापारियों को सीधे किसानों से उपज खरीदने की अनुमति नहीं दी जाती है।

APMC एक्ट क्या है।

  • एपीएमसी के पास बाजार क्षेत्र में यार्ड / मंडियां हैं जो अधिसूचित कृषि उपज और पशुधन को नियंत्रित करती हैं।
  • APMC की शुरुआत किसानों द्वारा लेनदारों और अन्य बिचौलियों के दबाव और शोषण के कारण संकट बिक्री की घटना को सीमित करना था।
  • एपीएमसी किसानों को उनकी उपज के लिए योग्य मूल्य और समय पर भुगतान सुनिश्चित करता है।
  • APMC भी कृषि व्यापार प्रथाओं के नियमन के लिए जिम्मेदार है। इसके कई लाभ हैं जैसे:

अनावश्यक बिचौलियों को समाप्त किया जाता है  बाजार शुल्क में कमी के माध्यम से बेहतर बाजार दक्षता निर्माता-विक्रेता हित अच्छी तरह से संरक्षित है।

APMC के लाभ

  • किसानों को फसल बेचने के लिए किसान बिल के अंतर्गत पूर्ण रूप से स्वतंत्रता दी गई है।
  • फ़सल को मंडी के अतिरिक्त बाहर किसी भी व्यापारी को बेचे।
  • इस बिल के अनुसार किसी भी किसान को अपनी फसलों के लिए कोई भी उपकर का भुगतान सरकार को नहीं करना होगा।
  • किसान और व्यापारी एक दूसरे से सीधे जुड़ सकेंगे।

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