Arunachal pradesh ki rajdhani kya hai ?

Arunachal pradesh ki rajdhani kya hai-यह एक  उत्तर पूर्वी राज्य है एवं इस राज्य को उगते हुए सूर्य का पर्वत कहा जाता है। अगर हम अरुणाचल शब्द का विच्छेद करते है तो  हमें अरुण और अचल प्राप्त होता है जिसमें अरुण का पर्याय सूर्य और अचल  पर्याय ना चलने वाले अर्थात स्थिर रहने वाला पर्वत कहा जाता है।

इस राज्य में पहाड़ी व अर्ध पहाड़ी क्षेत्र है; इसके पहाड़ी के ढलान की ओर जब हम जाते है तो पता चलता है इसका ढलान असम राज्य की ओर जाता है।

भौगोलिक दृष्टि से यह उत्तर पूर्व के राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है! पूर्व के अन्य राज्यों की तरह इस प्रदेश के लोग भी तिब्बत वर्मी मूल के हैं! भारत के और भागो से सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियां इस राज्य में लोग लेकर आए!

Arunachal pradesh ki rajdhani kya hai

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है जो कि अर्थव्यवस्था की दृष्टि से सफलता पर है।  इस राज्य  का क्षेत्रफल 83743 वर्ग किमी है एवं इस राज्य में कुल 25 जिले हैं। इस सांप्रदायिक राज्य का गठन  20 february 1987 को हुआ था। खाश बात यह है कि इस राज्य की प्रमुख भाषा अंग्रेजी मानी जाती है।

नैतिक रूप से ये एक विविध राज्य है; जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम में बात करे तो मोनपा लोग और केंद्र में तानी लोग और पूर्व में ताई लोग और इस राज्य के दक्षिण में नागा लोग रहा करते है।

व्यवसाय एवं कृषि

यह राज्य फसलों में चावल, मक्का ,बाजरा ,गेहूं,दलहन , गन्ना ,अदरक, तिलहन मुख्य रूप से हैं! फलों की उत्पादन क्षमता में यह राज्य आदर्श माना जाता है। अगर हम पर्यावरण की दृष्टी से देखे तो यहां के प्रमुख  औद्योगिक मिल और प्लाईवुड को कानूनी तौर पर बंद कर दिया गया।

चावल मिल फल परिरक्षण इकाइयां हस्तशिल्प हतकर्घा आदि है। अगर इस राज्य के व्यवसाय  दृष्टिकोण पर ध्यान दे तो इस राज्य का व्यवसाय काफी तीव्र गति से अग्रसर रहा है। राज्य की विशाल खनिज सम्पदा के संरक्षण के लिए विवा में अरुणाचल प्रदेश खनिज विकास व्यापार निगम लिमिटेड की स्थापना की गई। 

इस राज्य की 87500 हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित है और इस राज्य के 3649 गावों में से 2600 गाँव में विद्युतीकरण हो गया है!

  • अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर एक बड़ा  और मुख्य शहर है। इटानगर का नाम इटा दुर्ग से जाना गया है। 
  • ईटानगर हिमालय की तराई में बसा हुआ है एवं यह बहुत अधिक खूबसूरत है ऐसा कहा जाता है कि इसके किले का निर्माण 14 से 15 वी शताब्दी में राजाओं ने कराया था।

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