यह एक संपीडिट प्राकृतिक गैस होती है जो प्राकृतिक रूप से जमीन के अंदर जो ज्वलनशील गैसे पाई जाती है। CNG ka full form होता है Compressed natural gas जिसका हिंदी में उच्चारण कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) होता है। अत्यधिक दवाब के जमा होने के कारण बने तरल को सीएनजी कहते हैं एवं इसे ईंधन गैस के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग वाहनों में ईंधन के रूप में भी किया जाता हैं।
सीएनजी का वाहन में प्रयोग करने पर वाहनों से कार्बन डाइऑक्साइड गैस कम मात्रा में निकलती है इससे वातावरण में प्रदूषण भी नहीं फैलता है। यही कारण है कि इसे प्रकृति के लिए भी सुरक्षित बताया गया है। यदि किसी कारण से अगर सीएनजी गैस कभी लीक भी हो जाती है तो भी यह पर्यावरण के लिए ज्यादा हानिकारक नहीं होती है।
CNG ka full form-CNG का उपयोग
चूंकि सीएनजी बहुत ही सस्ती और प्राकृतिक रूप से हानिकारक नहीं है इस कारण से इसका उपयोग अन्य ईंधनों की तुलना में बढ़ता जा रहा है। आज के समय में CNG का उपयोग वाहनों में पेट्रोल और डीजल की तुलना में आदित्य किया जाने लगा है क्योंकि यह सस्ती भी पड़ती है और इसका उपयोग में आसान है। इसका प्रयोग करने से नुकसान का खतरा कम रहता है। इसके अलावा सीएनजी अन्य गैसों की अपेक्षा और अन्य प्राकृतिक ईंधनों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित होती है।
सीएनजी गैस में मेथेन, प्रोपेन एवं एथेन आदि होती हैं जिनमें से प्रमुख रूप से मेथेन होती है। मेथेन सबसे अधिक मात्रा में पाई जाती है।
सीएनजी का आविष्कार व निर्माण
सर्वप्रथम इस प्राकृतिक गैस की खोज की शुरुआत करने का श्रेय 1626 में अमेरिका को जाता है और इसकी खोज करने का श्रेय William hart को जाता है। मूल रूप से सीएनजी गैस का आविष्कार 1800 में अमेरिका में हुआ था। उस समय पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से सीएनजी बहुत अच्छा विकल्प था। धीरे-धीरे उसका उपयोग इटली और युरोंप जैसे कई देश में भी किया जाने लगा।
सीएनजी के गुण
■ यह गैस हाई आक्टेन नंबर होने के कारण इसे उपयोग में लाते हैं जबकि पेट्रोल का हाई आक्टेन नंबर 95 होता है वहीं सीएनजी का हाई आक्टेन नंबर 127होता है।
■ जैसा कि CNG गैस अत्यंत उच्च जवलन सील होती है और CNG 95% मेथेन होता है इसलिए ये आग आसानी से पकड़ लेती है।
■ इस गैस की प्रमुख विशेषता यह है कि यह गैस गैर- संक्षारक होती है
■ इस गैस के रंगहीन होने के कारण इसे देखना बहुत ही मुश्किल होता अर्थात देखा नहीं जा सकता। यह वायु में खुली अवस्था में होने पर बिलकुल सामान्य होती है।
■ यह Non-toxic होती है इसमें कोई भी जहरीला पदार्थ नहीं होता है।