MSP Full Form ‘Minimum Support Price’ होता है जिसका हिंदी में पूरा नाम न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है। यह किसानों को प्रदान की जाने वाली एक प्रकार की निर्धारित आए हैं जो किसानों को कोई नुकसान ना हो इस कारण से प्रदान की जाती है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य हर किसान को प्रदान किया जाता है फिर चाहे उसकी फसल की उत्पादन कम हुई हो या फिर ज्यादा यह मायने नहीं रखता है। सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया था। मिनिमम सपोर्ट प्राइस का मतलब किसानों को उनकी मेहनत और फसल का एक निर्धारित मूल्य देने से है।
Msp Full Form– (Minimum Support Price) क्या है?
Minimum Support Price एक प्रकार की Guaranteed Price है जो हर किसान को उनकी फसल की उत्पादन पर प्रदान की जाती है। फसलों की कीमत कम होने से अक्सर किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है, यही वजह है कि समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानो को बाजार में फसल की कीमत कम होने पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की कीमय प्राप्त हो सकेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने से किसानो को बाजार में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को नहीं झेलना पड़ेगा एवं यही वजह रहती है कि हर किसान MSP की मांग करता है।
कृषि उत्पाद पर Minimum Support Price दर किसान को फसल के न्यूनतम लाभ के लिए सुरक्षा प्रदान किया करती है।
एमएसपी कौन तय करता है?
MSP (Minimum Support Price) का निर्धारण ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ संस्था के द्वारा निर्धारित किया जाता है। हमारे देश के कृषि मंत्रालय के तहत आने वाली इस संस्था की शुरुआत जनवरी 1965 में हुई थी। शुरुआत में इस संस्था का नाम ‘कृषि मूल्य आयोग’ था जिसे बाद में सन 1985 में लागत जोड़ने के साथ ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ कर दिया गया। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के द्वारा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति और भारत सरकार को बताये आंकड़ों के बाद ही MSP (minimum support price) तय किया जाता है।
एमएसपी से लाभ –
MSP से किसानों को होने वाले लाभों को हमने नीचे दिया हुआ है जिन्हें आप देख सकते है-
- Minimum Support Price के माध्यम से किसानों की फसलों का दाम नहीं गिरता है।
- बाजार में फसलों का दाम गिर जाने पर भी उन्हें निर्धारित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ प्रदान किया जाता है।
- MSP से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
- MSP के माध्यम से किसानों को कम नुकसान झेलना पड़ता हैं।